Muharram In Bihar 2023
परिचय
मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर के पहले महीने मुहर्रम का नाम है और यह एक महत्वपूर्ण इस्लामी त्योहार है जो मुसलमान समुदाय के द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार दरअसल हुसैन इब्न अली, प्रोफ़ेत मुहम्मद के पोते और शिया मुस्लिम समुदाय के तीसरे इमाम की शहादत की याद में मनाया जाता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि 2023 में बिहार में मुहर्रम कैसे मनाया जाएगा और इसकी महत्वपूर्ण तिथियों के बारे में भी चर्चा करेंगे।
मुहर्रम के महत्वपूर्ण तिथियां:
Muharram In Bihar 2023
- मुहर्रम का पहला दिन: इस साल, मुहर्रम 2023 का पहला दिन 20 जुलाई 2023 को मनाया जाएगा। यह दिन मुहर्रम के पाक महीने के आखिरी दिन को संबोधित करता है।
- आशूरा: मुहर्रम का सबसे महत्वपूर्ण दिन आशूरा है, जो 4 अक्टूबर को आता है। यह दिन हुसैन इब्न अली की शहादत के दिन के रूप में जाना जाता है। इस दिन मुसलमान शिया समुदाय ताजिया और जुलूस निकालकर उनकी याद में भावुक होते हैं।
- तिसरा दिन: मुहर्रम के तीसरे दिन को तिसरा दिन के रूप में जाना जाता है और यह 5 अक्टूबर को आएगा। इस दिन मुस्लिम समुदाय में मुहर्रम के शोकाकुल वातावरण का माहौल रहता है।
- अंग्रेजी कैलेंडर इस्लामिक कैलेंडर महत्वपूर्ण दिन 20 जुलाई एक मोहर्रम नया साल
- 21 जुलाई 2
- 22 जुलाई 3
- 23 जुलाई 4
- 24 जुलाई 5
- 25 जुलाई 6
- 26 जुलाई 7
- 27 जुलाई 8
- 28 जुलाई 9 रोजा 29 जुलाई 10 आशूरा / त्योहार
बिहार में मुहर्रम का धूमधाम
बिहार राज्य में मुहर्रम का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। खासकर पटना, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, और दरभंगा जैसे शहरों में मुसलमान समुदाय इसे भव्यता से मनाते हैं। ताजिया प्रदर्शन, जुलूस, मातम, और नुहे के गीत इन त्योहारी आयोजनों के मुख्य हाइलाइट होते हैं।
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मुहर्रम का महत्व
Muharram In Bihar 2023
मुहर्रम का त्योहार इस्लामी समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है। यह उनके लिए एक धार्मिक और भावनात्मक अनुष्ठान है जो हुसैन इब्न अली की शहादत की याद में आयोजित किया जाता है। इस त्योहार के दौरान, लोग विशेष इबादत करते हैं और दरगाहों पर चढ़ावा चढ़ाते हैं।
मुहर्रम का महत्वपूर्ण संदेश है – सच्चे ईमानदारी और न्याय के लिए संघर्ष करना। हुसैन इब्न अली की शहादत ने उन्हें अन्याय और न्यायहीनता के खिलाफ खड़ा होने के लिए प्रेरित किया। यहां तक कि आज भी लोग उनकी बलिदानी शहादत को याद करते हैं और उनके संदेश को अपने जीवन में अपनाने का प्रयास करते हैं।
मुहर्रम और सद्भावना
Muharram In Bihar 2023
मुहर्रम एक ऐसा त्योहार है जो भाईचारे और सद्भावना को बढ़ावा देता है। इस मौके पर, हिंदू समुदाय के लोग भी मुस्लिम भाईयों के साथ मिलकर इसे धूमधाम से मनाते हैं। धार्मिक सद्भावना की भावना के तहत वे उनके साथ ताजिया प्रदर्शन और जुलूस में शामिल होते हैं।
धार्मिक तथ्य और विविधता
Muharram In Bihar 2023
मुहर्रम एक ऐसा धार्मिक त्योहार है जो विविधता और समरसता का संदेश देता है। इसमें हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग एक साथ आते हैं और एकजुट होकर इसे मनाते हैं। यहां तक कि कई हिंदू धार्मिक स्थलों पर भी ताजिया और जुलूस का आयोजन किया जाता है।
नृत्य और संगीत
मुहर्रम के दौरान, कई स्थानों पर नृत्य और संगीत कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। लोग धार्मिक गीत गाते हैं और ताजिया के साथ नृत्य करते हैं। यह भावुक माहौल त्योहार को और भी सांवर बनाता है।
सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा
मुहर्रम बिहार में एक सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है और यहां के लोग इसे बड़े धूमधाम से मनाते हैं। ताजिया प्रदर्शन, जुलूस, और मातम इस त्योहार के महत्वपूर्ण पार्ट हैं जो सांस्कृतिक एवं धार्मिक दृष्टिकोन को प्रदर्शित करते हैं।
समाप्ति
बिहार में मुहर्रम 2023 एक धार्मिक उत्सव के रूप में धूमधाम से मनाया जाएगा। यह इस्लामी समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हुसैन इब्न अली की शहादत की याद में आयोजित किया जाता है। इस मौके पर, लोग एकजुट होकर धार्मिक सद्भावना का संदेश देते हैं और समरसता का पालन करते हैं।
Muharram In Bihar 2023
FAQs (अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न)
- मुहर्रम क्या है? मुहर्रम इस्लामी कैलेंडर के पहले महीने मुहर्रम का नाम है और यह एक महत्वपूर्ण इस्लामी त्योहार है जो मुसलमान समुदाय के द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है।
- मुहर्रम के महत्वपूर्ण तिथियां कौन-कौन सी हैं? मुहर्रम का पहला दिन, आशूरा, और तिसरा दिन मुहर्रम के महत्वपूर्ण तिथियां हैं।
- बिहार में मुहर्रम कैसे मनाया जाता है? बिहार में मुहर्रम धूमधाम से मनाया जाता है। खासकर पटना, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, और दरभंगा जैसे शहरों में मुसलमान समुदाय इसे भव्यता से मनाते हैं।
- मुहर्रम का महत्व क्या है? मुहर्रम का त्योहार हुसैन इब्न अली की शहादत की याद में आयोजित किया जाता है और यह धार्मिक और भावनात्मक अनुष्ठान है जो इस्लामी समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है।
- मुहर्रम के दौरान बिहार में क्या खास होता है? मुहर्रम के दौरान बिहार में ताजिया प्रदर्शन, जुलूस, मातम, और नृत्य समारोह होते हैं, जिन्हें धूमधाम से मनाया जाता है।
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